फिल्म ‘आदिपुरुष’ के खिलाफ दाखिल याचिका को लेकर हाईकोर्ट सख्त, कहा- सेंसर बोर्ड क्या करता रहता है?

क्राइम रिव्यू: फिल्म ‘आदिपुरुष’ के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका मामले में आज यानी मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ सुनवाई करेंगी। यह याचिका फिल्म का टीजर जारी होने पर दाखिल हुई थी। याचिकाकर्ता ने विभिन्न बिंदुओं पर इस फिल्म पर आपत्ति जताई है। सोमवार को लखनऊ पीठ ने याचिकाकर्ता के संशोधन आवेदन को मंजूरी दे दी है और आज मनोज मुंतशिर को पक्षकार बनाए जाने वाली याचिका पर सुनवाई होगी।  इस मामले में कोर्ट ने सेंसर बोर्ड से सख्त लहजे में सवाल किया। कोर्ट ने पूछा, ‘सेंसर बोर्ड क्या करता रहता है? आप आने वाली पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हैं’।

बता दें कि फिल्म के रिलीज होने से पहले याचिका दाखिल हुई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सेंसर बोर्ड को 10 जनवरी 2023 को नोटिस जारी किया था। याचिका में सेंसर बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सख्त रुख अपनाया है। सुनवाई के दौरान सोमवार को कोर्ट ने पूछा फिल्म सेंसर बोर्ड क्या दिखाना चाहता है? क्या वह अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझता है? कोर्ट ने फिल्म निर्माताओं से कहा कि सिर्फ रामायण ही नहीं बल्कि पवित्र कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो कम से कम बख्श दीजिए। बाकी जो करते हैं, वो तो कर ही रहे हैं। इस मामले में कृति सेनन, प्रभास, सैफ अली खान, देवदत्त नागे, सनी सिंह, ओम राऊत प्रतिवादी बने है।

इस फिल्म पर रोक लगाने की मांग करते हुए एक अन्य जनहित याचिका दायर की गई। याचिका में फिल्म के दृश्यों और संवादों को आपत्तिजनक बताया। सोमवार को इसके खिलाफ नई याचिका दायर हुई। याची ने मामले में फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को भी पक्षकार बनाने का आग्रह किया है। यह भी कहा कि आपत्तिजनक सामग्री और सनातन आस्था के साथ जानबूझकर किए गए प्रहार को रोकते हुए फिल्म पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए जाएं। कोर्ट ने मुंतशिर को पक्षकार बनाने की अर्जी पर सुनवाई के लिए 27 जून की तारीख तय की है।

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